Page 10 - MAGAZINE
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राजभाषा समाचार
            गैर-शिंदी कशि्डयों क े  शिए यि बिुत िी ज्ानवध्डक सत्र   िरेक सत्र क े  सिापन िें संकाय सदस्यों को सभागार
            ्था, शजसका सभी प्रशतभाशगयों ने िाभ उ्‍ठाया ।      िें उपशस््थत वशरष् अशधकाशरयों द्ारा स्िृशत शचन्ि प्रदान
                                                              शकया गया। संगोष्ी क े  अंत की ओर बढ़ते िुए सिापन
                                                              सिारोि िें सभी अशतश्थयों, संकायों, शवशभन्न काया्डियों
                                                              से उपशस््थत गैर-शिंदी कि्डचाशरयों, शवशभन्न कॉिेजों से
                                                              उपशस््थत छात्रों को प्रबंधक (राजभार्ा) श्ीिती सशरता

                                                              जी द्ारा धन्यवाद ज्ाशपत शकया गया। धन्यवाद ज्ापन
                                                              क े  बाद राष्ट्रगान क े  सा्थ संगोष््‍ठी का भव्य संपन्न िुआ।

                                                                 संगोष््‍ठी  िें  श्ी  िंकराचाय्ड  शवश्वशवद्ािय,  कािर्ी,
                                                              दशक्ण भारत शिंदी प्रचार सभा, एणा्डक ु िि और कोचीन

                                                              शवश्वशवद्ािय,  कििश्िेरी  से  20  छात्रों  ने  अपनी
                                                              उपशस््थशत  दज्ड  की।  एणा्डक ु िि  शजिे  क े   तीनों  नगर
                                                              राजभार्ा काया्डन्वयन सशिशतयों से 100 से अशधक गैर-
                                                              शिंदी प्रशतभाशगयों ने संगोष््‍ठी िें अपनी सशक्रय भागीदारी
                                                              सुशनशचित की।
                                                 वा
                                                ें
                                              ि
                                                         की
                                                      ाप
                                                  ता्डि
                                           दी
                                        “
               शद्तीय सत्र का आशखरी भाग “शिंदी िें वाता्डिाप की
                                          िं
                                          श
            संरचना  और  शदिा” शवर्य  पर आधाशरत  ्था  शजसका
            संरचना  और   शदि ा”  शवर् य                          गैर-शिंदी  कशि्डयों  क े   शिए  आयोशजत  यि  राजभार्ा
            संचािन  र्ॉ.  िेरिन  पी  जे,  प्रोफि े सर  एवं  शनदेिक,   संगोष्ी  न  क े वि  उनकी  शिंदी  भार्ा  की  दक्ता  को
            अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र, शिंदी शवभाग, क े रि   बढ़ाने का िाध्यि बनी, बशल्क शिंदी क े  प्रशत जागरूकता
            शवश्शवद्ािय, शतरुवनंतपुरि ने शकया।  बोिचाि की     और आत्िीयता का एक सिक्त िंच भी प्रदान शकया।
            शिंदी और काया्डियीन शिंदी िें अंतर क्या िै। उसे शकस   काय्डक्रि ने यि साशबत शकया शक सिी शदिा-शनदे्डि और
            प्रकार पिचाना जा सकता िै आशद  से  संबंशधत शवर्यों   प्रशिक्ण से भार्ा की बाधाएं आसानी से दूर की जा
            पर उन्िोंने अपना वक्तव्य प्रस्तुत शकया ।  सरि शिंदी   सकती िैं। इस संगोष्ी का प्रभाव दीघ्डकाशिक िोगा,
            को शकस प्रकार काया्डियीन कािों िें उपयोग शकया जा   क्योंशक इसक े  िाध्यि से गैर-शिंदी कशि्डयों ने शिंदी को
            सकता  िै।  उन्िोंने  शफिर  प्रशतभाशगयों  से  क ु छ  वाक्यों   अपनाने  और  उसे  अपने  काय्डक्ेत्र  िें  अशधक  प्रभावी
            का सरि अनुवाद करने को किा। सभी ने इस सत्र         तरीक े  से उपयोग करने का संकल्प शिया। इस संगोष्ी
            िें बिुत िी घुि-शििकर भाग शिया। वास्तव िें यि     ने शिंदी भार्ा की सिृशद्ध और उसक े  िित्व को रेखांशकत
            शवर्य विां उपशस््थत सभी कि्डचाशरयों एवं छात्रों क े शिए   करते िुए एक सकारात्िक और उत्सािवध्डक वातावरण
            ज्ानवध्डक और काया्डत्िक ्था।                      का भी शनिा्डण शकया िै।

























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                  सागर रत्न हिंदी गृि पत्रिका
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