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राजभाषा समाचार
प्र ्थि सत्र का दू सरा भाग “ शर्शज ट ि युग ि ें राजभा र् ा शद् तीय सत्र
प्र्थि सत्र का दूसरा भाग “शर्शजटि युग िें राजभार्ा
शद्तीय सत्र का पििा भाग श्ीिती आिा क े सी,
िं
दी”
श शिंदी” पर आधाशरत ्था शजसका संचािन र्ॉ. िधुिीि वशरष् अनुवाद अशधकारी, भारतीय तटरक्क, कोच्ची
आशयल्यत्त, प्रबंधक (राजभार्ा), भारतीय शरिव्ड बैंक, क े पचा्ड प्रस्तुतीकरण क े सा्थ िुआ। उनका शवर्य ्था
कोच्ची ने शकया। उन्िोंने शिंदी को प्रौद्ोशगकी क े क्ेत्र “शिंदी िें अनुवाद - चुनौशतयों और संभावनाएं”“शिंदी िें अनुवाद - चुनौशतयों और संभावनाएं” इस
िें शकस प्रकार जोड़ा जा सकता िै उसको सशवस्तार से शवर्य पर उन्िोंने शिंदी भार्ा िें अनुवाद संबंधी िुशश्किों
सिझाया। अनुवाद िें िि शकस प्रकार प्रौद्ोशगकी की और उसे शकस प्रकार सुिझाया जा सकता िै इस पर
िदद िे सकते िै और किां – किां इसका अनुप्रयोग चचा्ड की गई। अनुवाद क्या िै, उसक े प्रकार, काया्डिय
उपिब्ध िै, काया्डिय िें शिंदी न जानने वािे अशधकारी िें शकस अनुवाद का प्रयोग शकया जाना चाशिए, शकन
क ै से इन िाध्यिों से शिंदी िें काि कर सकते िै, शवशभन्न आधारों पर अनुवाद का िूल्यांकन करना चाशिए, एक
साइटों, शवशभन्न टाइशपंग टूिों आशद क े बारे िें पवर पॉइंट अनुवादक शकन चुनौशतयों का सािना कर सकता िै, उसे
प्रस्तुतीकरण क े िशरए जानकारी प्रदान की गई। यि शकस प्रकार इसे शनपटना चाशिए, अनुवाद की संभावनाएं
बिुत िी ज्ानवध्डक सत्र ्था, शजसका सभी प्रशतभाशगयों आशद पर बिुत िी बशढ़ए ढंग से पवर पॉइंट प्रस्तुतीकरण
ने शविेर्कर छात्रों ने िाभ उ्ठाया । क े िशरए पेि शकया।
इसको जारी रखते िुए श्ी प्रिांत जी पै, वशरष् शद्तीय सत्र का दूसरा भाग “राजभार्ा शिंदी क े े
“राजभा
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प्रबंधक (राजभार्ा), क े नरा बैंक, क्ेत्रीय काया्डिय तृश्िूर सफिि काया्डन्वयन क े शिए नीशतगत उपाय” सफिि काया्डन्वयन क े शिए नीशतगत उपाय” शवर्य पर
का पचा्ड प्रस्तुतीकरण ्था शजनका शवर्य ्था “12 ‘प्र’ से “12 ‘प्र’ से आधाशरत ्था शजसका संचािन र्ॉ. अंजिी एस, सिायक
शच
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राजभा
राजभार्ा शिंदी का सिुशचत शवकास” । इस शवर्य को प्रोफि े सर (शिंदी शवभाग), ििाराजास कॉिेज, कोच्ची ने
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कास”
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उन्िोंने बर्े िी िानदार ढंग से सािने रखा। शिंदी की शकया। उन्िोंने शिंदी को काया्डियीन कायो्डं क े शिए
प्रिुखता और िरेक ‘प्र’ क े िब्दों और उसकी सा्थ्डकता, शकस प्रकार सरि रूप से प्रयोग िें िाया जा सकता
उसकी एिशियत इन सबक े बारे िें बड़े िी रोचक ढंग िै उस पर अपनी प्रस्तुतीकरण से शवर्य का आरंभ
से प्रस्तुत शकया। वाकई िें इस शवर्य िें प्रस्तुतीकरण शकया। राजभार्ा नीशत को सरि और सिज रूप से
बिुत िी ज्ानवध्डक ्था। ‘प्र’ क े एक िब्दों को क ै से पवर पॉइंट प्रस्तुतीकरण क े रूप िें प्रस्तुत शकया गया।
शिंदी क े सा्थ जोड़ा जा सकता िै उसे शकस प्रकार शिंदी को राजभार्ा का दजा्ड प्राप्त करने की शस््थशत,
सिझाया जा सकता िै यि सब बिुत िी सरि रूप से राजभार्ा अशधशनयि, शनयि, संकल्प आशद से जुड़े िदों
सिझाया गया। को बिुत िी सरि और स्पटि रूप से दिा्डया गया।
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सागर रत्न हिंदी गृि पत्रिका