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सेवक इन आदिो्डं को अपनाने और नागशरकों को उनका एकता को बढ़ावा देते िैं। िोक सेवक जागरूकता
अनुसरण करने क े शिए प्रेशरत करने की शजम्िेदारी बढ़ाकर और िांशत-शनिा्डण प्रयासों िें साव्डजशनक भागीदारी
उ्ठाते िैं। संवैधाशनक शसद्धांतों को कायि रखते िुए और को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय सुरक्ा को बढ़ा सकते िैं। यि
पारदशि्डता क े सा्थ काि करते िुए, िोक सेवक एक सािूशिक स्वाशित्व सािाशजक सद्ाव और शस््थरता को
न्यायपूण्ड और सितापूण्ड सिाज बनाने िें इन कत्डव्यों क े िजबूत करता िै।
िित्व को रेखांशकत करते िैं।
िोक सेवकों क े शिए, िौशिक कत्डव्यों की वकाित
साव्डजशनक जीवन िें सशक्रय भागीदारी एक संपन्न करना संवैधाशनक दाशयत्वों से परे िै - यि शजम्िेदारी,
िोकतंत्र की पिचान िै। िौशिक कत्डव्य नागशरकों को एकता और साझा उद्ेश्य िें शनशित सिाज को पोशर्त
ितदान करने, सािुदाशयक सेवा िें िाशिि िोने और करने का िाग्ड िै। इन कत्डव्यों को साव्डजशनक नीशतयों
राष्ट्रीय शवकास िें योगदान करने क े शिए प्रेशरत करते और दैशनक िासन िें िाशिि करक े , वे नैशतक और
िैं। िोक सेवक नागशरक सिभाशगता क े शिए िंच नैशतक ढांचे को िजबूत करते िैं जो एक राष्ट्र को बनाए
उपिब्ध कराकर और िासन िें सिावेशिता सुशनशचित रखता िै। पया्डवरणीय संकट, राजनीशतक अशस््थरता
करक े इन प्रयासों को बढ़ा सकते िैं। िैशक्क काय्डक्रि, और सािाशजक शवखंर्न जैसी चुनौशतयों का सािना
साव्डजशनक िंच और जागरूकता अशभयान नागशरकों को करते िुए, िौशिक कत्डव्य सािूशिक प्रगशत क े शिए एक
अपने सिुदायों को आकार देने िें सशक्रय भूशिका शनभाने िाग्डदि्डक प्रकाि प्रदान करते िैं। वे क े वि नैशतक
क े शिए सिक्त बनाते िैं। सूशचत और सशक्रय नागशरकों अशनवाय्डताएँ निीं िैं; वे ऐसे स्तंभ िैं जो एक संपन्न
द्ारा िजबूत शकया गया सिभागी िोकतंत्र शनरंतर प्रगशत िोकतंत्र की आकांक्ाओं का सि्थ्डन करते िैं।
की नींव रखता िै।
एक राष्ट्र तब सिृद्ध िोता िै जब उसक े नागशरक
राष्ट्रीय सुरक्ा क े वि कानून प्रवत्डन या सिस्त्र बिों अपने कत्डव्यों को उसी उत्साि क े सा्थ अपनाते िैं
का क्ेत्र निीं िै। नागशरकों की भी संप्रभुता और शजस उत्साि क े सा्थ वे अपने अशधकारों का दावा करते
अखंर्ता की रक्ा िें भूशिका िै। िौशिक कत्डव्य इस िैं। िोक सेवकों क े सा्थ शििकर वे एक िचीिा,
साझा शजम्िेदारी को रेखांशकत करते िैं, सतक्डता और न्यायसंगत और सिृद्ध भशवष्य का शनिा्डण कर सकते िैं।
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सागर रत्न हिंदी गृि पत्रिका