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िैं। अपने शिए क ु छ सिय अिग रखें - रचनात्िक  अशधक बातचीत करते िैं, कभी-कभी पूरी तरि से अिग

            गशतशवशधयों क े  शिए एक शवशिटि सिय सिशप्डत करें,  पृष्भूशि वािा व्यशक्त ििें अपने बारे िें क ु छ अनोखी
            भिे िी वि िर शदन क े वि क ु छ शिनटों क े  शिए िी  बात या िि शजस सिस्या का सािना कर रिे िैं उसे
            क्यों न िो। िर कोई अपनी भिाई क े  शिए 10 शिनट  सिझने िें िदद कर सकता िै। आट्ड को “िाइंर्फि ु िनेस
            शनकाि सकता िै, इसशिए इस सिय को िेकर ्थोड़ा  टूि” क े  रूप िें उपयोग करना िुरू करें - र्ूर्शिंग या
            स्वा्थी्ड बनें। सािसी बनें और शवशभन्न िाध्यिों क े  सा्थ  किशरंग जैसी िाइंर्फि ु ि किा प्र्थाओं को अपनी दैशनक

            प्रयोग करने का प्रयास करें - पेंशटंग, ड्ाइंग, िूशत्डकिा,  शदनचया्ड िें िाशिि करने का प्रयास करें। आट्ड ्थेरॉपी
            या  कोिाज  जैसे  शवशभन्न  किा  रूपों  िें  अपना  िा्थ  तनाव प्रबंधन क े  शिए एक सिग्र दृशटिकोण प्रदान करती
            आििाएं और जानें शक आपक े  सा्थ क्या िेि खाता िै।  िै, जो व्यशक्तयों को उनकी रचनात्िकता का उपयोग
            कोई गित प्रयास निीं िैं,  क े वि नई सीख िै शक आप  करने और आंतशरक िांशत पाने क े  शिए सिक्त बनाती
            शकसिें अच्छे िैं। बेशझझक अपूण्डता को अपनाएं - कि  िै। रचनात्िक गशतशवशधयों िें िाशिि िोकर, आप तनाव
            से कि इन 10 शिनटों िें ििें पूण्डता की आवश्यकता  को कि कर सकते िैं, अपने िानशसक स्वास््थ्य को
            को छोड़कर सृजन की प्रशक्रया पर ध्यान केंशद्रत करने  बेितर बना सकते िैं और अशधक संतुशटिदायक जीवन
            का प्रयास करना चाशिए। शकसी किा सिूि या किा  जी सकते िैं। आइए िि किा को अपने जीवन का
            काय्डक्रि िें िाशिि िों- अन्य रचनात्िक व्यशक्तयों से  शिस्सा बनाएं और अपने जीवन को खुििाि और तनाव

            शििें और जुड़ें और उनक े  अनुभवों से सीखें।  िि  िुक्त बनाएं!
            आि तौर पर अपने दोस्तों और सिकशि्डयों क े  सा्थ






















                                                            बड़़ा हुआ तो क़्ा हुआ, जैसे पेड़ खजूर।

                                                            पंछी को छ़ाय़ा नहीीं, फल ल़ागे अतत दूर॥



                                                           अ्थ्ड:

                                                           यशद कोई व्यशक्त क े वि आकार िें बड़ा िै िेशकन उसका

                                                           ज्ान और व्यविार दूसरों क े  काि निीं आता, तो उसका
                                                           बड़ा िोना व्य्थ्ड िै। जैसे खजूर का पेड़ ऊ ँ चा तो िोता
                                                           िै, पर न तो वि शकसी को छाया देता िै और न िी

                                                           उसक े  फिि आसानी से शििते िैं।






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