Page 29 - MAGAZINE
P. 29

ु
                                                                                          सरक्षा जषागरूकतषा

                हाथ और उगलियोों मेें चोट
                                       ं



               ि   ि िगभग िर काि क े  शिए अपने िा्थों का इस्तेिाि करते िैं।उंगिी, िा्थ या िरीर का कोई अन्य अंग


                   खोना न क े वि िारीशरक दद्ड का कारण बनता िै, बशल्क आजीशवका और िानशसक स्वास््थ्य पर भी गंभीर
            प्रभाव र्ािता िै।िािांशक, काय्डस््थि पर पाए जाने वािे पीपीई का सबसे साधारण रूप िा्थ क े  दस्ताने िैं, िेशकन
            यि जानना भी िित्वपूण्ड िै शक िि िा्थ और उंगशियों की चोटों को क ै से रोक सकते िैं।




















                                                         े
                        े
                                       ें
                चुटकी वाल बबंदुओं से सावधान रह,    सही कामे क ललए उचचत उपकरण         खराब/संशोचधत उपकरणों
                 उगललयां बीच मेें फस सकती ह ैं         का उपयोग करें                    का उपयोग न करें
                  ं














                                                                                               े
                   बबजली उपकरणों से सुरक्ा         हथौड़ा इस्ेमेाल करते समेय     डर्स्क बदलने से पहल बबजली  उपकरण
                                                                                         ु
                          ्ड
                       गार् न हटाए ं                अपने हाथों का ध्ान रख ें        को बवद्त स्ोत से अलग करें ।

               यशद आप शििकर काि कर रिे िैं, तो सुशनशचित करें शक आपक े  सिकिी्ड को आपक े  इरादों क े  बारे िें पता
            िो और गशतशवशध को ्‍ठीक से संप्रेशर्त और सिशन्वत शकया गया िो।अच्छे काय्ड व्यविार को शवकशसत करने से
            काय्डस््थि पर िोने वािी चोटों को रोका जा सकता िै।












                                                                                                         29
                                                                                   सागर रत्न हिंदी गृि पत्रिका
   24   25   26   27   28   29   30   31   32   33   34