Page 43 - MAGAZINE
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“आप पििे कौन से देिों िें यात्रा कर चुक े  िैं?   “क्या आपक े  पास उनका  कोई संपक्ड नंबर िै?”
            आप अक े िे क्यों यात्रा कर रिे िैं? आपने शपछिी यात्रा   “िां,” िैंने किा और उन्िें अपने फिोन पर अशवनाि
            क े  दौरान िािदीव िें क े वि चार से पांच शदन क्यों   का संपक्ड नंबर शदखाया।
            शबताए? इन यात्राओं की योजना शकस यात्रा प्रचािक ने
            बनाई ्थी? आपने अपना एिबीए कब पूरा शकया? आपने         अंत िें अशधकारी संतुटि शदखे। उन्िोंने किा, “िैं
            कौन से शवर्य पढ़े िैं?”                            उन्िें व्यशक्तगत रूप से जानता िूं।” “इन बातों की
                                                              पुशटि करना िेरी शिम्िेदारी िै। आपको भारत िौटते िी
               िैंने जवाब देने की कोशिि की, िेशकन जल्दी िें िैं   नॉन – ईसीआर पासपोट्ड क े  शिए आवेदन करना िोगा।
            घबरा गई । िेरा फिोन िगातार बज रिा ्था, िेरे पशत
                                                        ं
            और िाता-शपता का फिोन ्था, जो इस बात से शचशतत         िुझे तसल्िी िुई आशखरकार िुझे शविान िें चढ़ने
            ्थे शक िैंने सुरक्ा जांच क े  बाद उन्िें फिोन क्यों निीं   की अनुिशत शिि गई। यि अनुभव बिुत िी कटिदायक
            शकया। िैंने ्थोड़ी देर रुकने की शवनती की और शफिर   ्था। यात्रा क े  शिए िेरा उत्साि र्र िें बदि गया ्था,
            अपने पशत को फिोन पर शस््थशत बताई।                 िेशकन िैंने यात्रा का आनंद िेने का संकल्प िे िी शिया
                                                              ्था।
               अशधकारी ने शफिर से पूछताछ िुरू की और िेरा
            धैय्ड खोने िगा। “िेरे पास िेरा प्रिाणपत्र                      इस घटना क े  बाद िैं पेशरस क े  चाल्स्ड
            निीं िैं, सर। िैं यिां घूिने                                 र्ी  गॉि  एयरपोट्ड  पर  उतरने  तक  सब
            आई  िूं,  साक्ात्कार  क े                                     क ु छ ्‍ठीक-्‍ठीक चिता रिा। कोई और
            शिए  निीं।  अगर  आप                                            पूछताछ या सिस्या निीं िुई, और िैं
                                                                                            ं
            िुझे ्थोड़ा सिय दें, तो िैं                                      अपने सपनों की िशिि का आनंद िेने
            स्क ै न की गई प्रशतयां ई-िेि                                     क े  शिए स्वतंत्र ्थी।

            िें  शदखा  सकती  िूं”,  िैंने                                         पीछे  िुड़कर  देखने  पर,
            दृढ़ता से किा।                                                       सीआईएएि  िें  घशटत  वि  रात

               उन्िोंने बताया शक िेरे पासपोट्ड                                   िगभग िास्यास्पद िग रिा ्था,
            पर  “ईसीआर”  (इशिग्रेिन  चेक                                          िेशकन  तब  वि  शबिक ु ि  भी
            आवश्यक िै) शिखा ्था, शजसका                                             िास्यास्पद निीं ्था। िािांशक,
            ितिब ्था शक िेरे पास 10वीं कक्ा                                         िैंने जो सबक सीखा िै, उसे
            से आगे की योग्यता निीं िै। यि िेरे                                       िैं इस िेख को पढ़ने वािे
            एिबीए धारक और पीएसयू िें प्रबंधक                                          सभी क े  सा्थ साझा करना
            िोने क े  दावे से िेि निीं खाता। उन्िोंने                                 चािती िूं: यशद आपने 10
            सवाि शकया शक िैंने इस िुद्े को पििे                              वीं  कक्ा  उत्तीण्ड  की  िै  और  आपक े
            क्यों  ्‍ठीक  निीं  शकया,  खासकर  जब  िैं             पास एसएसएिसी प्रिाणपत्र िै, तो अपने पासपोट्ड

            िानव संसाधन िें काि कर रिी ्थी।                   की जांच करें और सुशनशचित करें शक यि गैर-ईसीआर क े
                                                              रूप िें शचशन्ित िै। ऐसे पासपोट्ड क े  शिए शकसी शवदेिी
               आशखरकार,  िुझे  अपने  ई-िेि  िें  अपनी  एिबीए   यात्रा करते सिय प्रवासगिन िंजूरी की आवश्यकता निीं
            प्रिाणपत्र की स्क ै न की िुई कॉपी शिि गई और िैंने   िोती िै। ऐसी कोई िापरवािी आपक े  यात्रा अनुभव को
            उन्िें शदखा शदया। शफिर भी, वे निीं रुक े । उन्िोंने पूछा,   बबा्डद न करने दें। प्रवासगिन काउंटर पर जो अशधकारी
            “क्या  आप  कोचीन  शिपयार््ड  िें  अशवनाि  (काल्पशनक   ्थे, उनका धन्यवाद । अब, िेरे पास पुराने और नए
            नाि) नाि क े  शकसी व्यशक्त को जानते िो?”          सशित क ु ि तीन पासपोट्ड िैं।

                “िां”, िैंने िैरान िोकर जवाब शदया।





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