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्थी और सारी घबरािट काफ़ ू र िो गई ्थी। िेरे सियोगी 11 नवंबर 2024 को िि रात को 11:00 बजे
भी उत्साशित ्थे। 10 नवंबर 2024 का शदन ्था। यात्रा की िुरुआत करते िैं, सशिट पुि क े शिए। घोर
यात्रा जारी ्था िैं और िेरे सियोगी िावरजी अंधेरे िें ििारे कदि ऊ ं चाइयों को नाप रिे ्थे,
शरज ट्रैक शजसकी ऊ ं चाई 14400 तारों का भी सिारा निीं ्था, वातावरण िें
फिीट ्थी, यानी की सिुद्र ति से " ऊ ं चाई बढ़ने क े सा्थ-सा्थ अब िर्र्ी को भी क ं पा देने वािी ्ठंर्क ्थी,
्थी। िेशकन िुझे चिना ्था,
4390 िी पर पिुंच गई ्थी अब सांस िेने िें भी शदक्कत िो रिी शफिर भी कदि रुकने का नाि निीं िे रिे
िड़ते िुए, िैं अपने िी धुन िें
िुझे और िेरे सियोशगयों को वापस शिश्थि कदिों से वातावरण से ्थे। िेरे क ु छ सियोगी एर्वांस कैंप िें रुक
ढिान पर चिते िुए िारम्बो िट पिुंचना चिे जा रिी ्थी। गए ्थे, िायद ्थकावट की वजि से या शफिर
्था, वातावरण अनुक ू िन क े शिए। अगिी वातावरण क े बदिने से घबरािट क े द्ारा आगे
सुबि 11 नवंबर 2024 को िि शफिर से यात्रा की यात्रा निीं करना चािते ्थे। िायद यि उनकी
की िुरुआत करते िैं। शनयशत ्थी। ऊ ं चाई
िैं काफिी उत्साशित ्थी, बढ़ने क े सा्थ-सा्थ
ं
िग रिा ्था अब िशजि अब सांस िेने िें भी
बिुत करीब िै शफिर भी शदक्कत िो रिी ्थी।
काफिी रास्ता तय करना िेशकन िुझे चिना
बाकी ्था। िौसि साफि ्था, शिश्थि कदिों
िोने की वजि से िि से वातावरण से िड़ते
सब खुि ्थे, और िुए, िैं अपने िी धुन
शनरंतर चिे जा रिे िें चिे जा रिी ्थी।
्थे। सबसे पििे ििें िैंने अपने आप से
एर्वांस कैंप पिुंचना एक वादा शकया ्था
्था जो की 4720 िशजि को जरूर तय
ं
िी की ऊ ं चाई पर करू ं गी। अब िैं अपनी सारी अनुभव
शस््थत ्थी यानी और प्रशिक्ण का बखूबी इस्तेिाि करते
की सिुद्र ति से िुए आगे बढ़ रिी ्थी। असीशित ्ठंर्
15430 फिीट की और घनघोर अंधेरे क े बीच सारी उम्िीद
ऊ ं चाई पर। िौसि और आिा क े सा्थ सधे िुए कदिों से
का िुका छुपी जारी आगे की यात्रा जारी ्था। अंधेरे िें
्था, रुक कर चिना ्थकना िना ्था एक जज्बा और िौसिे
आसान निीं ्था क े सा्थ आगे बढ़ रिी ्थी। आशखरकार
इसशिए ििारे कदि कदिताि करते िुए िैं 19341 फिीट
निीं ्थि रिे ्थे। (5895 िी ) की ऊ ं चाई पर उिरु
िेरे क ु छ सियोगी शपक पर सुबि 7:15 बजे 12 नवंबर
उदास िन से िी 2024 को पिुंची। बादिों से ऊपर
यात्रा को जारी रखे ्थी और अनंत आकाि को छू रिी ्थी।
िुए ्थे। क ु छ उदासी क े बाद ििें एर्वांस कैंप नजर िेशकन अवचेतन िें िून्य िें िोने का एिसास ्था।
आने िगा ्था। िैं और िेरे सियोगी दि खुि ्थे। शकशििंजारो तुझे ित ित निन, िेरा िौसिा बनाए
आशखरकार कदिताि करते िुए िैं अपने सियोशगयों क े रखने क े शिए, शनर्र भाव देने क े शिए और एक स्वशनिि
सा्थ एर्वांस कैंप पिुंच गई ्थी। यिां से आगे िुझे दुशनया िें शवचरण करने क े शिए।
िेरी िौसिों की उड़ान को देखना ्था।
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सागर रत्न हिंदी गृि पत्रिका