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बिनी झरना

               यि िरे-भरे जंगि से शघरा िुआ एक सुंदर झरना िै। यि बाघिुंर्ी, पुरुशिया िें एक िोकशप्रय शपकशनक स््थि
            िै। यि जगि प्रक ृ शत प्रेशियों और रोिांच क े  िौकीनों क े  शिए एक बेितरीन जगि िै। झरने तक पिुंचने क े  शिए
            प्रवेि द्ार से सुंदर वन प्थ क े  िाध्यि से 20-30 शिनट की यात्रा करनी पड़ती िै। यि क्ेत्र ऊ ं चे साि क े
            पेड़ों से शघरा िुआ िै और सिृद्ध वनस्पशत कई प्रकार क े  पशक्यों का घर िै। बरसात क े  िौसि िें इसकी सुंदरता
            िंत्रिुग्ध कर देने वािी िोती िै।
                                          चशरदा गांव पुरुशिया

                                             छऊ नृत्य िुख्य रूप से पशचिि बंगाि, झारखंर् और ओशर्िा राज्यों की सीिा
                                          से िगे पूवी्ड भारत क े  आशदवासी इिाकों िें प्रचशित िै। छाऊ िुखौटे; नृत्य
                                          क े  शिए सबसे आवश्यक सिायक सािग्री पुरुशिया क्ेत्र क े  बागिुंर्ी ब्िॉक क े
                                          चाशरर्ा गांव िें बनाई जाती िै। 500 से अशधक पशरवारों वािा पूरा गांव छऊ
                                          िुखौटे बनाने क े  इस उद्ि िें िगा िुआ िै। िुख्य रूप से सूत्रधार सिुदाय

                                          द्ारा शनशि्डत, ये िुखौटे शनिा्डण की एक शवस्तृत प्रशक्रया का पािन करते िैं जो
                                          अपने िा्थों से कारीगर बनाते िैं।
                                                                                   िाब्डि िेक

                                                                                      बािनी फिॉल्स से क ु छ शकिी
                                                                                   आगे एक जिािय शजसे िाब्डि
                                                                                   िेक पुरुशिया क े  नाि से जाना

                                                                                   जाता िै देखा जा सकता िै।
                                                                                   पत््थर की खदान का यि स््थि
                                                                                   अब िाब्डि झीि क े  िांत जि
                                                                                   क े   उभरने  क े   कारण  िांशत
                                                                                   क े  एक सुखद नखशिस्तान िें
                                                                                   तब्दीि िो गया िै।यिां सूया्डस्त
                                                                                   देखना  पूरे  पुरुशिया  क्ेत्र  िें
                                                                                   सव्डश्ेष् िें से एक िाना जाता

                               गढ़ पंचकोट                                           िै।
                                  गढ़  पंचकोट,  शजसका  अ्थ्ड  िै  "पांच  क ु िों  का

                               शकिा", भारत क े  पूवी्ड भाग िें पशचिि बंगाि क े  पुरुशिया
                               शजिे िें पंचेत पिाड़ी की तििटी िें शस््थत एक खंर्िर
                               शकिा िै।पंचकोट पैिेस क े  खंर्िर 18वीं िताब्द क े
                               दौरान बरगी िििे क े  िूक प्रिाण िैं।
















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